प्रदर्शन कलाएँ
नृत्य, नाटक, संगीत, कठपुतली, वृन्द गान, मिमिक्री, आलेख लिखना, नुक्कड नाटक आदि जैसी सृजनात्मक कलाओं की श्रेणी के अन्तर्गत आने वाली अनेकानेक गतिविधियां समाज के सभी क्षेत्रों में बच्चों को आकर्षित करती है और उन्हें अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का व्यापक आयाम प्रदान करती है। जीवन्त अभिनय जैसी गतिविधियों से बच्चों को बहुविधा क्रियाकलापों अर्थात सोचने की स्थिति से लेकर आलेख एवं कथोपकथन लिखने, भूमिकाओं के चयन, पोशाकें तैयार करना, सैटों के डिजायन आदि जैसी विधायों का ज्ञान होता है, जो वास्तविक प्रस्तुति एवं निर्माण के समस्त अवयव हैं।
- भरतनाट्यम
- कत्थक
- पारंपरिक संगीत
- पारंपरिक नृत्य
- शास्त्रीय संगीत
राष्ट्रीय बाल भवन बच्चों के लिए सृजनात्मक कला की सुविधायें प्रदान करता है। सृजनात्मक कला की श्रेणी में निम्नलिखित गतिविधियां शामिल हैं :-
- पेंटिंग
- काष्ठ कला
- मिट्टी के काम
- जिल्दसाजी
- सिलाई
- कैसे और क्यों
- अन्वेषक क्लब
- पर्यावरण विज्ञान
- कम्प्यूटर
- जूड़ो
- स्केटिंग
- क्रिकेट
- टेबिल टेनिस
- बैडमिंडन
फोटोग्राफी के क्षेत्र में बच्चों को कैमरा संभालने और इसके सभी उपस्कर एवं कार्यों को संचालित करने, लक्ष्य को केन्द्रित करने तथा कैमरा साधने एवं विभिन्न किस्म की फिल्मों के साथ विभिन्न प्रकार की लाइटों के इस्तेमाल से संबंधित तकनीकों के बारे में समझाया जाता है। इसके अलावा, उन्हें सही विषय के चयन के महत्व, उपलब्ध प्रकाश और कृत्रिम प्रकाश के सर्वोत्तम उपयोग, सही शटर-गति का चयन, सही आच्छादन, विभिन्न फिल्टरों के उपयोग, सही कोण का चयन, जहां से फोटोग्राफ आदि लिए जाने हैं का अभिज्ञान कराया जाता है।
संग्रहालय तकनीक क्लब मुख्य रूप से तीन प्रकार गतिविधियों / कार्यशालाओं का आयोजन करता है :
- संग्रहालय आधारित गतिविधियों / कार्यशालाएं
- थीम आधारित गतिविधियों / कार्यशालाएं
- पाठ्यक्रम आधारित गतिविधियों / कार्यशालाएं
राष्ट्रीय बाल संग्रहालय
राष्ट्रीय बाल संग्रहालय में प्रदर्शनी के दो प्रकार हैं
- स्थायी प्रदर्शनी
- अस्थायी प्रदर्शनियों , जहां विषय आधारित प्रदर्शनियों समय - समय पर लगाई जाती है।