बाल पुस्तकालय का उदघाटन 9 जुलाई, 1992 को मानव संसाधन विकास मंत्री श्री अर्जुन सिंह जी के कर कमलों द्वारा हुआ .
पुस्तकालय के दो भाग हैं-
• बाल पुस्तकालय एवं
• संदर्भ पुस्तकालय।
बाल पुस्तकालय में 5 से 16 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक पुस्तकें- कहानियाँ, उपन्यास, बच्चों के नैतिक मूल्यों के विकास में सहायक पुस्तकें, कॉमिक्स, पत्रिकाएँ व अखबार उपलब्ध हैं। बाल पुस्तकालय में एक शिशु कोना कक्ष भी है जिसमें 5 से 9 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए रंग-बिरंगी कहानियाँ, ज्ञानवर्धक पुस्तकें एवं खेलकूद की सामग्री उपलब्ध है। बच्चों को जीवन्त कहानियाँ व कविताएँ दिखाने की व्यवस्था भी है।.
पुस्तकालय में बच्चों के विकास एवं ज्ञानोपार्जन और उनमें पढ़ने की रूचि बनाए रखने के लिए निम्नलिखित कार्यक्रम व प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की जाती हैं –
• कहानी सुनाना
• सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता
• निबंध-लेखन प्रतियोगिता
• कहानी-लेखन प्रतियोगिता
• कविता-लेखन व प्रस्तुतीकरण इत्यादि
संदर्भ पुस्तकालय में विश्वकोश भी उपलब्ध है जो सभी प्रकार के विषय की जानकारी प्राप्त करने में सहायक हैं।
पुस्तकालय में बाल भवन की सदस्यता प्राप्त किये बाल सदस्य पुस्तकों को 7 से 14 दिन के लिये ज़ारी भी करवा सकते हैं।
पुस्तकालय ज्ञान का भण्डार है और बच्चों में ज्ञानवृद्धि, नैतिक-मूल्यों का विकास, पुस्तकों के प्रति प्रेम व उन्हें पढने की रूचि बनाने में सहायक सिद्ध होना ही बाल पुस्तकालय का ध्येय है।