जवाहर बाल भवन, माण्डी

छठे दशक के मध्य में जवाहर बाल भवन मंडी की स्थापना की एक योजना प्रारंभ की गई थी और राज्य के लिए जवाहर बाल भवन को एक नोडल एजेंसी के रूप में माना गया था, अतः भारत के विभिन्न राज्यों में अनेक बाल भवनों की स्थापना की गई | जवाहर बाल भवन, मांडी उसी योजना का एक विस्तार था, जिसे नेहरू स्मारक विधि द्वारा प्रारंभ में वित्तपोषित किया गया | ग्रामीण बाल भवन, मांडी ने मांडी गांव की “चौपाल” से काम करना प्रारंभ कर दिया |

वर्तमान में जवाहर बाल भवन, मांडी ग्राम पंचायत द्वारा उपलब्ध कराई गई | यह कुछ एकड़ भूमि पर बना है और श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा इस ग्रामीण इकाई का उद्घाटन 3 फरवरी 1973 को किया गया | ग्रामीण केंद्र जौनापुर, गदैईपुर सुल्तानपुर, मंगलापुरी, ग्वालपहाड़ी, बंधवाड़ी, सहारनपुर आया नगर घिटोरनी छतरपुर मैदान गढ़ी, राजपुर, सतवारी, चंदन होला, फतेहपुर बेरी, डेरा, भाटी माइंस और नेब सराय गांव के बच्चों की जरूरतों को पूरा करता है |

बाल भवन की गतिविधियां में शारीरिक शिक्षा, कला और शिल्प, सिलाई, काष्ठ शिल्प और मिट्टी के काम शामिल हैं | मांडी बाल भवन में ग्रामीण बच्चों में व्यापक अभिरुचि उत्पन्न की है और बच्चों की सारी मांग पर फोटोग्राफी और कंप्यूटर की गतिविधियां हाल में हाल ही में शामिल की गई है |

 

 

 
 

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